जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डूब गया तो डूब गया
अंबर के आंगन को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छूट गए फ़िर कहाँ मिले
पर बोलो टूटे तारों पर
कब अंबर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में वह था एक कुसुम
थे उस पर नित्य निछावर तुम
वह सूख गया तो सूख गया
मधुबन की छाती को देखो
सूखी कितनी इसकी कलियाँ
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ
जो मुरझाईं फ़िर कहाँ खिलीं
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुबन शोर मचाता है
जो बीत गई सो बात गई
जीवन में मधु का प्याला था
तुमने तन मन दे डाला था
वह टूट गया तो टूट गया
मदिरालय का आंगन देखो
कितने प्याले हिल जाते हैं
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं
जो गिरते हैं कब उठते हैं
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है
जो बीत गई सो बात गई
मृदु मिट्टी के बने हुए हैं
मधु घट फूटा ही करते हैं
लघु जीवन ले कर आए हैं
प्याले टूटा ही करते हैं
फ़िर भी मदिरालय के अन्दर
मधु के घट हैं,मधु प्याले हैं
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट प्यालों पर
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है चिल्लाता है
जो बीत गई सो बात गई
— हरिवंश
क्योंकि इस ब्लॉग की रचनाएँ अधिकांशतः अन्य व्यक्तियों द्वारा रचित हैं, मैंने तो बस उनसे उधार लिया हैं !इसके लिए मैं सभी ज्ञात अज्ञात रचनाकारों को धन्यवाद देता हूँ..
Monday, October 25, 2010
Monday, October 18, 2010
सरदार तुकतुक की एक हास्य कविता “शाहरूख खान
पता नहीं कौन से जन्म की दुश्मनी निभाई है।
जो इस नासपीटे ने, सिक्स पैक बाडी बनाई है।
एक सुबह मेरी पत्नी ने कहा मुझे शाहरूख खान की बाडी चाहिये।
मैंने कहा तो अपने पिताजी से कहिये।
वो बोली जब पिताजी ने तुमसे मिलवाया था।
तब भी मुझे यही समझाया था।
बेटा पैकिंग पे मत जा मेरी बात मान।
अन्दर से ये भी है शाहरूख खान।
और फिर इसकी हाईट भी ज्यादा है।
शाहरूख खान तो इसका आधा है।
नहीं तो मेरा तुम्हारा क्या मेल।
छछूंदर के सर में चमेली का तेल।
पर जबसे शाहरूख खान ने अपनी शर्ट उतारी है।
तब से मेरा दिल बहुत भारी है।
फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट।
दिस इज़ ब्रीच आफ ट्रस्ट।
मैंने कहा देवी कैसी बात कर रही है भगवान से डर।
वो बोली शुक्र मनाओ कि तुमपे नहीं है एक्सचेंज आफर।
मैंने कहा देवी क्या ये अच्छा लगेगा कि मैं शाहरूख खान के पास जाऊँगा।
और तेरे रिशते की बात चलाऊँगा।
ये सुनते ही पत्नी का चढ़ गया पारा।
उसने मुझे आधे घंटे तक मारा।
फिर बोली दो मिनट साँस ले लूँ तब तक कामर्शियल ब्रेक।
उसके बाद करती हूँ एक और टेक।
मैंने कहा देवी मुन्नाभाई को ध्यान में लाओ।
जो समझाना है विनम्रता से समझाओ।
वो बोली संक्षेप में केवल इतनी कहानी है।
तुम्हें एक महीने के अन्दर सिक्स पैक बाडी बनानी है।
मैंने कहा देवी बाडी का क्या है बाडी तो बन जायेगी।
पर तेरे ये किस काम आयेगी।
कोई सालिड रीजन है या लेनी है फील।
इस बार मारा तो पड़ गये नील।
वो बोली आज कल चल रहा है अजब सा ट्रेंड।
बीवीयों को छोड़ रहे हैं तुम्हारे बिना बाडी वाले फ्रेंड।
आमिर और सैफ ने छोड दी अपनी वैफ।
और जो जो भी बाडी बना रहे हैं।
सेम बीवी के साथ निभा रहे हैं।
शाहरूख और रितिक हैं हाट पिक।
मैंने कहा क्यों शाहिद की बाडी नहीं है।
क्या उसके हुआ फोड़ा है।
वो बोली हटो जी उसे तो करीना ने छोड़ा है।
मैंने कहा अगर बाडी बन जायेगी तो मौहल्ले की लड़कियाँ मारेंगी लैन।
वो बोली अगर तुमने मुड़ के देखा तो फोड़ दूँगी नैन।
मैंने कहा ऐसा है तो मैं जिम विम जाता हूँ।
बाडी बनाता हूँ।
दूध शूध पीता हूँ।
लाइफ को जीता हूँ।
ठीक है सरकार।
निकालो दस हजार।
ये सुनते ही पत्नी ने हाथ पीछे खींचे।
हम समझ गये कि अब आया ऊँट पहाड के नीचे।
पत्नी की आँख हो गई नम।
बोली आखिर कब होगी ये महँगाई कम।
हम कब तक अपनी इच्छाओं को दबायेंगे।
क्या बुढ़ापे में जा के बाडी बनायेंगे।
मैंने कहा देवी तू इच्छाओं को रोती है।
हिंदुस्तान में २२ करोड़ लोगों की इच्छा ही नहीं होती है।
ये दो रूपये रोज में अपना पूरा घर चलाते हैं।
बंद और बरसात में तो भूखे ही सो जाते हैं।
इनके यहाँ बीमारी बीमार को साथ ले के जाती है।
बच्चों की मासूमियत बचपन में छिन जाती है।
इन्हें वेट घटाने की जरूरत नहीं पड़ती।
मसल छोड़ो हड्डियों पर खाल मुशिकल से है चढ़ती।
हमारी अर्थव्यवस्था भी पर्दे पर शहरूख खान सी नजर आती है।
पर आज भी वह हड्डियों के ढाँचे सी खेत में हल चलाती
जो इस नासपीटे ने, सिक्स पैक बाडी बनाई है।
एक सुबह मेरी पत्नी ने कहा मुझे शाहरूख खान की बाडी चाहिये।
मैंने कहा तो अपने पिताजी से कहिये।
वो बोली जब पिताजी ने तुमसे मिलवाया था।
तब भी मुझे यही समझाया था।
बेटा पैकिंग पे मत जा मेरी बात मान।
अन्दर से ये भी है शाहरूख खान।
और फिर इसकी हाईट भी ज्यादा है।
शाहरूख खान तो इसका आधा है।
नहीं तो मेरा तुम्हारा क्या मेल।
छछूंदर के सर में चमेली का तेल।
पर जबसे शाहरूख खान ने अपनी शर्ट उतारी है।
तब से मेरा दिल बहुत भारी है।
फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट।
दिस इज़ ब्रीच आफ ट्रस्ट।
मैंने कहा देवी कैसी बात कर रही है भगवान से डर।
वो बोली शुक्र मनाओ कि तुमपे नहीं है एक्सचेंज आफर।
मैंने कहा देवी क्या ये अच्छा लगेगा कि मैं शाहरूख खान के पास जाऊँगा।
और तेरे रिशते की बात चलाऊँगा।
ये सुनते ही पत्नी का चढ़ गया पारा।
उसने मुझे आधे घंटे तक मारा।
फिर बोली दो मिनट साँस ले लूँ तब तक कामर्शियल ब्रेक।
उसके बाद करती हूँ एक और टेक।
मैंने कहा देवी मुन्नाभाई को ध्यान में लाओ।
जो समझाना है विनम्रता से समझाओ।
वो बोली संक्षेप में केवल इतनी कहानी है।
तुम्हें एक महीने के अन्दर सिक्स पैक बाडी बनानी है।
मैंने कहा देवी बाडी का क्या है बाडी तो बन जायेगी।
पर तेरे ये किस काम आयेगी।
कोई सालिड रीजन है या लेनी है फील।
इस बार मारा तो पड़ गये नील।
वो बोली आज कल चल रहा है अजब सा ट्रेंड।
बीवीयों को छोड़ रहे हैं तुम्हारे बिना बाडी वाले फ्रेंड।
आमिर और सैफ ने छोड दी अपनी वैफ।
और जो जो भी बाडी बना रहे हैं।
सेम बीवी के साथ निभा रहे हैं।
शाहरूख और रितिक हैं हाट पिक।
मैंने कहा क्यों शाहिद की बाडी नहीं है।
क्या उसके हुआ फोड़ा है।
वो बोली हटो जी उसे तो करीना ने छोड़ा है।
मैंने कहा अगर बाडी बन जायेगी तो मौहल्ले की लड़कियाँ मारेंगी लैन।
वो बोली अगर तुमने मुड़ के देखा तो फोड़ दूँगी नैन।
मैंने कहा ऐसा है तो मैं जिम विम जाता हूँ।
बाडी बनाता हूँ।
दूध शूध पीता हूँ।
लाइफ को जीता हूँ।
ठीक है सरकार।
निकालो दस हजार।
ये सुनते ही पत्नी ने हाथ पीछे खींचे।
हम समझ गये कि अब आया ऊँट पहाड के नीचे।
पत्नी की आँख हो गई नम।
बोली आखिर कब होगी ये महँगाई कम।
हम कब तक अपनी इच्छाओं को दबायेंगे।
क्या बुढ़ापे में जा के बाडी बनायेंगे।
मैंने कहा देवी तू इच्छाओं को रोती है।
हिंदुस्तान में २२ करोड़ लोगों की इच्छा ही नहीं होती है।
ये दो रूपये रोज में अपना पूरा घर चलाते हैं।
बंद और बरसात में तो भूखे ही सो जाते हैं।
इनके यहाँ बीमारी बीमार को साथ ले के जाती है।
बच्चों की मासूमियत बचपन में छिन जाती है।
इन्हें वेट घटाने की जरूरत नहीं पड़ती।
मसल छोड़ो हड्डियों पर खाल मुशिकल से है चढ़ती।
हमारी अर्थव्यवस्था भी पर्दे पर शहरूख खान सी नजर आती है।
पर आज भी वह हड्डियों के ढाँचे सी खेत में हल चलाती
Wednesday, October 13, 2010
ROSE......
Rose?
____?Rose?Rose
___?Rose?Rose?R
___?Rose?Rose?R
__?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Rose?
?Rose?Rose?Rose?Rose
?Rose?Rose?Rose?Rose?Ro
?Rose?Rose?Rose?Rose?Ros
_?Rose?__?Rose?Rose?Ros
___?Ros____?Rose?Rose?
___?Ros_____?Rose?Rose
___?Ros_____?Rose?Rose
____?Ros____?Rose?Rose
_____?Ro____?Rose?Ros
______?Ro__?Rose?Rose
_______?Rose?Rose?Ros
________?Rose?Rose?Ros
_______?Rose?Rose?Rose?Ro
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?Rose
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?Rose?R
________?Rose?Rose____?Rose?Rose?Ro
_________?Rose?Ro_______?Rose?Rose?
_________?Rose?Ro_____?Rose?Rose?
_________?Rose?R____?Rose?Rose
_________?Rose?R_?Rose?Rose
________?Rose?Rose?Rose
________?Rose?Rose?R
________?Rose?Rose
_______?Rose?Ro
_______?Rose?
______?Rose?
______?Rose?
______?Rose?
______?Rose
______?Rose
_______?Ros
_______?Ros
_______?Ros
______?Rose?
______?Rose?Rosy
dear u like a ROSE
____?Rose?Rose
___?Rose?Rose?R
___?Rose?Rose?R
__?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Ro
_?Rose?Rose?Rose?
?Rose?Rose?Rose?Rose
?Rose?Rose?Rose?Rose?Ro
?Rose?Rose?Rose?Rose?Ros
_?Rose?__?Rose?Rose?Ros
___?Ros____?Rose?Rose?
___?Ros_____?Rose?Rose
___?Ros_____?Rose?Rose
____?Ros____?Rose?Rose
_____?Ro____?Rose?Ros
______?Ro__?Rose?Rose
_______?Rose?Rose?Ros
________?Rose?Rose?Ros
_______?Rose?Rose?Rose?Ro
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?Rose
_______?Rose?Rose?Rose?Rose?Rose?R
________?Rose?Rose____?Rose?Rose?Ro
_________?Rose?Ro_______?Rose?Rose?
_________?Rose?Ro_____?Rose?Rose?
_________?Rose?R____?Rose?Rose
_________?Rose?R_?Rose?Rose
________?Rose?Rose?Rose
________?Rose?Rose?R
________?Rose?Rose
_______?Rose?Ro
_______?Rose?
______?Rose?
______?Rose?
______?Rose?
______?Rose
______?Rose
_______?Ros
_______?Ros
_______?Ros
______?Rose?
______?Rose?Rosy
dear u like a ROSE
Subscribe to:
Posts (Atom)